एक नया दिन रोशनी लेकर आया,
आसमान आज बहुत ही विशाल है।
भीतर पलते सपने जाग उठे हैं,
हम चल पड़े हैं शांत दिल के साथ।
सुबह की बयार गुनगुनाने लगी है,
हर उम्मीद को मिल गए नए पंख।
धुंध हट सकती है, पर तारे चमकते हैं,
तेरा रास्ता जल्द ही सही हो जाएगा।
फिर से शुरू कर, डरने की बात नहीं,
आंधियाँ भी धीरे-धीरे थम जाएँगी।
हर अंत में छिपे हैं वसंत के बीज,
यही है ज़िंदगी – एक नई शुरुआत।
यही है एक नई शुरुआत,
बस एक कदम ही काफी है।
आँसुओं के बाद मुस्कान खिलती है,
यही है जीवन का मधुर गीत।
जी आर कवियुर
30 06 2025
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