Thursday, June 5, 2025

एकाकी विचार - 63

एकाकी विचार - 63

प्रकाश और प्रेम
जब अँधेरे में एक किरण पड़ती है
डर चुपचाप भाग जाता है।
द्वेष रखने की कोई ज़रूरत नहीं है,
केवल अच्छाई ही बदलेगी।

क्रोध बढ़ सकता है,
प्रेम, साहस के साथ इसे ठंडा करें।
नज़र न खोएँ, एक दूसरे की मदद करें,
चलो अच्छाई के साथ रास्ता बदलें।

जब द्वेष गाते हैं, तो प्रेम को गाने दें,
अपराध को फीका होने दें और हृदय को शुद्ध करें।
शांति में प्रेम है,
चलो प्रकाश के मार्ग पर चलें

जी आर कवियुर 
०६ ०६ २०२५

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