(विश्व पर्यावरण दिवस गीत )
धरती है अपना प्यारा घर, हरियाली से भरी है भर,
पेड़-पौधे, नदियाँ सुंदर, साथ हमारे रहते हैं हर पल।
हवा जो हम साँस में भरते, भोजन जो हम रोज़ है खाते,
प्रकृति हमें ये सब कुछ देती, सादगी में खुशियाँ बसती।
चिड़ियों की मीठी चहक सुनो, फूलों की मुस्कान को चुनो,
पर धुआँ, कचरा, पेड़ों की कटाई,
इनसे आती है दुख की छाया भाई।
छात्र हैं हम, अब जागें सभी,
साफ़ करें धरती, लगाएँ कलियाँ नई।
संरक्षण हो पर्यावरण का रास्ता यही,
हर दिन बनाएं दुनिया को और भी सही।
जी आर कवियुर
०५ ०६ २०२५
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