Saturday, June 28, 2025

अकेले विचार – 81

अकेले विचार – 81

छायाएं और सरगोशियाँ

कुछ बोलते हैं बहुत ज़ोर से,
नामों और किस्सों में खोते हैं।
अपनी शान दिखाते हैं सबको,
जैसे हर रिश्ता वे ही ढोते हैं।

मगर कुछ बस ख़ामोश खड़े रहते,
बिना कहे सब कुछ कह देते।
पहचान नहीं, दावा नहीं,
बस चुपचाप सब कुछ सह लेते।

दिखते नहीं, पर असर छोड़ते,
उनकी ख़ामोशी बहुत कुछ बोलती।
घमंड खो जाए, आवाज़ें थम जाएँ,
पर प्यार की छाया हमेशा चलती।

GR kaviyoor 
25 06 2025

No comments:

Post a Comment