Monday, June 2, 2025

एकांत विचार – 58 & 59

एकांत विचार – 58


ज़िंदगी लंबी हो — यही तो चाहत है सबकी,
पर हर पल को जीना — ये ख्वाहिश है कम की.
दिल में हो प्यार, आंखों में समझ,
हर मोड़ पर मिल जाए कुछ सच।

हवा की तरह हो दया का रंग,
हर रिश्ता बने कोई मधुर संग।
सिर्फ सांसें नहीं, हो हर पल जगा,
जो भी मिले, उसे दिल से लगा।

पल हों मीठे, मुस्कान साथ हो,
दुख भी हो तो कोई हाथ हो।
समय बीते चाहे जैसे भी,
अर्थ मिले तो जीवन खास भी।

जी आर कवियुर 
३० ०५ २०२५

एकांत विचार – 59

चाहे कोई तुम्हारा मज़ाक उड़ाए, फिर भी दयालु रहो,
अगर कोई तुम्हें पीछे छोड़ दे, फिर भी सही राह चुनो।
जो बिना सोचे तुम्हें दुःख पहुंचाए,
तब भी प्यार का रास्ता अपनाए।

अगर दुःख तेज़ आंधी बनकर आए,
और दिल को चुपचाप रुलाए,
तो भी ग़ुस्से को मत आने दो,
दुनिया को शांति का चेहरा दिखाओ।

हर बार माफ़ करो, फिर से माफ़ करो,
ताकि दिल में भगवान का प्यार झलके।
जो माफ़ करते हैं, भगवान उनके पास रहते हैं,
उनकी राह हमेशा आशीर्वादों से भरी रहती है।


जी आर कवियुर 
०२ ०६ २०२५

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