अकेले विचार – 76
हर खोई चीज़ वापस नहीं आती,
कुछ सपने बेनाम ही मिट जाते हैं।
पर जो हमारे हाथों की पहुंच में है,
उसके लिए तो पूरी मेहनत चाहिए।
सूरज के उगने को कोई रोक नहीं सकता,
हर कदम आगे बढ़ाना जरूरी है।
रास्ते मुड़ सकते हैं, उम्मीदें डगमगा सकती हैं,
फिर भी चाह का दीपक जलता रहना चाहिए।
डर साज़िश कर सकता है, वक़्त आज़माएगा,
पर कोशिश करना हमारा कर्तव्य है।
ईमानदारी से छुए गए हर तारे की चमक,
हमारे भीतर एक रोशनी बनकर जलेगी।
जी आर कवियुर
२२ ०६ २०२५
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