Wednesday, June 11, 2025

अकेले विचार – 70

अकेले विचार – 70

समस्याएँ तूफ़ानों की तरह आती हैं, भयंकर और जोरदार,
अपने पीछे संदेह और बादलों का एक निशान छोड़ जाती हैं।
लेकिन सभी तूफ़ानों की तरह, वे टिकती नहीं हैं,
वे गुज़र जाती हैं, और अतीत को अतीत में छोड़ जाती हैं।

वे हमें सबक सिखाती हैं, गहरे में छिपी हुई,
उन क्षणों में जब हम पूरी तरह से जाग रहे होते हैं या सो रहे होते हैं।
वे हमारी यात्रा को चिह्नित करती हैं, फिर फीकी पड़ जाती हैं,
हर गुज़रते दिन के साथ हमें और मज़बूत बनाती हैं।

वे जो हस्ताक्षर छोड़ती हैं, वह हमारे दिल में है,
एक याद दिलाता है कि हम कभी अलग नहीं होते।
समस्याएँ, लहरों की तरह उठती और गिरती हैं,
लेकिन उनके जागने पर, हम मज़बूती से खड़े रहते हैं।

जीआर कवियूर
१० ०६ २०२५


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