हमें दिल लगाने का मौका तो दे
इश्क़ की मीठी बातें कहने तो दे
बहुत थक गया हूँ मैं तन्हाइयों से
कभी तू मुझे अपनी छांव सा तो दे
सवालों में उलझा है हर एक रिश्ता
जवाब-ए-मोहब्बत तू खुलकर तो दे
तेरी मुस्कुराहट है मरहम मेरी
मुझे दर्द सहने की ताक़त तो दे
मैं फिर से सँवर जाऊँगा तेरे दम से
मेरी टूटी रूह को सहारा तो दे
'जी आर' को बस तेरी चाहत ही काफी
वफ़ाओं में डूबा वो सपना तो दे
जी आर कवियुर
01 07 2025
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