Thursday, July 3, 2025

तेरे प्यार की बारिश की ताल

तेरे प्यार की बारिश की ताल

मुखड़ा:
तेरे प्यार की बारिश की ताल,
छू गई दिल की हर एक डोरी,
यादों से भीगा एक मधुर सुर,
धीरे-धीरे रूह में उतर गया…

अंतरा:
प्रकृति की गोद में जैसे,
सूरज ने सवेरा किया,
चाँद ने धीरे से सुलाया,
तारे टिमटिमाकर सपनों की
एक प्यारी राह बना गए…

चरन 1:
एकांत के मौन द्वीप सा,
तेरी सोचों ने प्यार सजाया,
जहां छाया और रौशनी जुड़ गए,
एक संपूर्ण गीत बने — मैं और तुम…

चरन 2:
जब तू आया, तो प्रेम पिघल गया,
आँखों में आत्मा की आभा थी,
तेरे बोले शब्द दिन भर गूंजे,
और हम एक कविता बन गए…

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