Saturday, July 5, 2025

अकेले विचार – 85

अकेले विचार – 85


 मुस्कान और आँसू 

मुस्कान बिखेरे उजियारा,
आँसू लाए मन का सहारा।
एक खिले जैसे भोर की रश्मि,
एक गिरे जैसे साँझ की नमी।

दोनों का मिलन दुर्लभ दृश्य,
फिर भी उसमें छिपा विशेष्य।
चुपचाप जो कह जाए बात,
दिल की सबसे सच्ची सौगात।

वो क्षण जब दोनों साथ हों,
भावनाओं के रंग एक साथ हों।
आँसू में हँसी, हँसी में पीर —
जीवन का वो मधुर तस्वीर।

जी आर कवियुर 
01 07 2025

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