अंधेरा चाहे जितना गहरा हो,
उजाले की किरण राह दिखाए।
एक छोटा दीपक जलता रहे,
मन में उम्मीद फिर से जगाए।
तूफ़ान आयें, रास्ते डगमगायें,
हौसला फिर भी साथ निभाए।
सन्नाटे में भी आवाज़ मिले,
भीतर की शक्ति सहारा बनाए।
रात ढल जाएगी, सुबह आएगी,
नए ख्वाब नज़रों में मुस्काएंगे।
आशा का दामन थामे रखना,
रोशनी फिर से पास आएगी।
जी आर कवियुर
26 07 2025
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