बर्फीली चोटियों पर चढ़े वीर जवान,
रात-दिन लड़े, किया देश का मान।
स्वतंत्रता की लौ उन्होंने जलाई,
सोई दुनिया, पर वो नींद न आई।
गूंज उठे पर्वत, गूंजा था सत्य,
न्याय के आगे झुका अन्याय का पथ।
रक्त बहा, पर सपना बचाया,
हर मोड़ पे जीवन को सच्चा बनाया।
ना डरे, ना रुके, बस आगे बढ़े,
धरती पर गौरव के अक्षर गढ़े।
हर क़दम पे वो इतिहास रच गए,
सलाम उन वीरों को, जो अमर बन गए।
जी आर कवियुर
26 07 2025
No comments:
Post a Comment