एक आदर्श छात्र
ज्ञान का दीपक है जो जलाता,
हर राह को वह खुद उजियाता।
दिल से पढ़े, मन से सीखे,
पुस्तकों में जीवन भी देखे।
मेहनत उसकी पहचान बने,
हर मुश्किल में वह आगे चले।
साथी से वह प्रेम जताए,
हर एक से सच्चा व्यवहार निभाए।
दिन हो या हो रात अंधेरी,
चलता है राह सच्चाई की सीधी।
विनम्र मन और निर्मल दृष्टि,
बने समाज की सुंदर सृष्टि।
जी आर कवियुर
06 07 2025
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