दिल में बसाया है।
यादों में समय है
ख्वाबों में दिखता है
जहां भी तुम हो
तुम ही नजर आता है ।
बिना हर लम्हा अधूरा,
संग हर पल है खुशी।
हंसी से महके ये जहां,
बिना सब कुछ है वीरान।
प्यार की खुशबू में बसा,
हर धड़कन में तेरा जिक्र है।
सुकून और चैन,
सपना और ग़म है।
जी आर कवियूर
01 10 2024
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