Tuesday, October 1, 2024

यह दिल तड़पता है

यह दिल तड़पता है 

यह दिल तड़प तड़पता है  
किसके लिए, किसके लिए  
सिवा किसके लिए  

यादों में खोया हूँ,  
हर सुबह तेरा ही ख्वाब।  
बिना ये रातें हैं वीरान,  
साथ हर लम्हा है खास।  

हंसी की मिठास में,  
छुपा है मेरा सारा जहां।  
सुकून और चैन,  
बिना सब कुछ है अधूरा।  

प्यार की रोशनी में,  
हर दिन नया एक सफर है।  
धड़कन का गीत,  
खुशियों का असर है।  

जी आर कवियूर
01 10 2024

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