तू मेरी सांस में ( गजल)
साथ छूटेगा कैसे तेरे याद का
दिल धड़कता रहे तेरी मुलाकात की
बात सोच सोच कर नैना तरसे
खुशबू सी बसी है तू मेरी सांस में
रात भर ख्वाबों में तेरा ही चेहरा
दिल में उठती है फिर वही चाहत
तेरी हंसी से महक उठे ये जहां
दूर होकर भी पास है तू हर पल
तेरे बिना ये दिल वीरान है, सुन
तू ही तो मेरी ज़िंदगी की पहचान है
तेरी यादों के साये में सुकून है मुझे
तू ही मेरा ख्वाब, तू ही मेरी जुस्तजू है।
जी आर कवियूर
13 10 2024
No comments:
Post a Comment