Wednesday, October 23, 2024

जगह अभी बाकी है


जगह अभी बाकी है  

कौन सी बात तुम्हें पसंद है  
हमें आज तक पता नहीं है  
अनजान बनकर आज भी  
तुम चेहरा छुपा के चल दिए  

ज़िक्र हो जब भी तेरा  
हमारे लब खामोश हो जाते हैं  
आँखों में बस आंसू रह जाते हैं  
और दिल के ज़ख्म जाग जाते हैं  

तुम वैसे ही रहो, कोई शिकवा नहीं  
दिल में तुम्हारी जगह अब भी वही है  
चाहे दर्द हो या तन्हाई का आलम  
मेरे दिल में तुम्हारे लिए जगह अभी बाकी है  


जी आर कवियूर
23 10 2024

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