ज़िंदगी की दौड़ पर
ग़ज़ल गुनगुनाते ही
तेरी याद में जीता रहे।
ख़्वाबों की राहों में
तेरी सूरत हर तरफ़
दिल को सुकून देता रहे।
तेरे प्यार की ख़ुशबू
हर सांस में महके यूँ
हौले से दिल बहलता रहे।
तेरी चाहत की लौ से
हर लम्हा जगमगाता रहे।
जी आर कवियूर
14 10 2024
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