Wednesday, October 16, 2024

इस दिल में सदा बसी है तू

इस दिल में सदा बसी है तू

दिल की आईने से
गुफ्तगू की तेरे बारे में,

यादों की बारिश में भीग,
हवा की खुशबू में महसूस किया तुझे।

खामोशी में छुपे हजारों जज़्बात,
हर लम्हा एहसास बनकर साथ रहे।

आँखों में बसी जो तस्वीर तुझसे,
हर रात तारे पूछते हैं, क्या वही है वो हसीं?

धड़कनों में छिपी तेरी धुन सी,
जिसे सुनकर हवाओं ने भी गीत गुनगुना दिया।

फासलों में भी तेरी आहट करीब लगे,
जुदाई में भी ये दुनिया तेरी ही महक लिए चले।

बाहों का स्पर्श जो अब तक अधूरा है,
हर ख्वाब, हर साँस उसी एहसास में बंधा हुआ है।

एक पल भी बिछड़ जाऊँ तो क्या,
इस दिल में बस तू ही रहेगा सदा।

जी आर कवियूर
17 10 2024

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