तेरे ख़्याल में आज भी
गुनगुनाता रहा
वो लम्हे, वो बातें
जो दिल में बसाए रखा।
तेरी यादों की महक
आज भी साँसों में बसी है,
जैसे हवा में कोई ख़ुशबू
रात भर छाई रही है।
तेरी हंसी की मिठास
अब भी दिल को चुराती है,
वो चाँदनी रातें
जिनमें तेरा अक्स समाया था।
तू दूर हो, पर फिर भी
नज़रों से ओझल नहीं,
दिल की गहराई में
हरदम बस तेरा ही ख्याल रहा।
हसरतों में अब भी
तेरा नाम लिखा है,
सपनों की तरह तू
हर एक रात में छुपा रहा।
जी आर कवियूर
23 10 2024
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