Thursday, October 31, 2024

गीत:

गीत:

यह मीठा दर्द क्यों नहीं मिटता है
यादों के मेलों में
आखिर यह सफर कहां तक जाएगा
तन्हाई की रेलों में

गहराइयों में छुपे हैं
तेरे नाम के साये
हर ख्वाब में बसी है
तेरी यादों की छाया

हर मोड़ पर तुझको
मैंने देखा है फिर से
इस दिल की वीरानी में
तू ही है एक साया

सपनों की जुगनू में
तेरे साये बिखरे हैं
फिर क्यों ये बेरुखी
मेरे साथ रहती है, जले

यह मीठा दर्द क्यों नहीं मिटता है
यादों के मेलों में
आखिर यह सफर कहां तक जाएगा
तन्हाई की रेलों में

जी आर कवियूर
31 10 2024

कैसे कटेगी राहे (गजल)

कैसे कटेगी राहे 


कैसे कटेगी ये राहें, अंजानी डगर है।
सितारे तो हैं हमसफ़र, मंज़िल मगर है।

हर मोड़ पर हमसे ये कहता है रास्ता,
चलते चलो तुम, कहीं कोई नज़र है।

हौसले टूटा किए, ख़्वाबों में सजी धूल,
मंज़र भी पराया, हर चौराहे पर डर है।

तेरा सफ़र तेरे साथ कटेगा या यूँ ही,
तन्हाई से हमको अब भी थोड़ी क़सर है।

ख़ुदा की रहमतों से ना हो बेख़बर ऐ दिल,
हर मुश्किल में शायद कोई दर पे असर है।

कुछ दर्द संजोए चले हम यूँ मुसाफ़िर,
राहों में छुपा शायद इक उजला सहर है।

जी आर कवियूर
31 10 2024

Wednesday, October 30, 2024

जिंदगी की आखिरी पन्नों पर (गजल)

जिंदगी की आखिरी पन्नों पर (गजल)


ज़िन्दगी के आख़िरी पन्नों पर
लिखा है सबको एक दिन जाना पड़ेगा,
हर चेहरे को आँसुओं में बहना पड़ेगा।

मंज़िल चाहे कितनी भी ख़ूबसूरत हो,
रास्तों को एक दिन ढलना पड़ेगा।

हर लम्हे को जी लो हंस कर अभी,
क्या पता कब हमें रुकना पड़ेगा।

वक्त की रफ्तार से कौन बचा है,
इस सफर में हर किसी को थकना पड़ेगा।

चाहें जितनी भी कोशिशें कर लो तुम,
आखिर एक दिन अलविदा कहना पड़ेगा।

जी आर कवियूर
31 10 2024

यह दिल मेरा धड़के तेरे लिए

यह दिल मेरा धड़के तेरे लिए


यह दिल मेरा धड़के तेरे लिए
हर लम्हा बिताए तेरे लिए
हर सांस में खुशबू तेरी आए
ये चांदनी चमके तेरे लिए।

तू पास रहे या दूर सही,
दिल में बस तेरा ही नूर सही।
आंखों में बस जाए तेरा सपना,
हर रात सजे तेरे लिए।

तेरे बिना अधूरा है ये जहां,
तू ही तो मेरा है कारवां।
तेरी राहों में बिछ जाऊं मैं,
हर रास्ता बने तेरे लिए।

तेरी हंसी में छुपी है मेरी खुशी,
तेरी बातों में सजी है जिंदगी।
बस तुझसे ही जुड़ी हर बात मेरी,
ये दिल धड़कता रहे तेरे लिए।

जी आर कवियूर
31 10 2024

तेरे नैना

तेरे नैना 


तेरे नैना
मेरी रहना
फिर ना कहना,
बस ये जादू,
चले ना जाना।

तेरी हंसी में,
खो जाऊं मैं,
तेरे ख्वाबों में,
सजाऊं मैं।

तू है रोशनी,
मेरे हर ख्वाब में,
तेरा साथ हो,
बस इसी तरह से।

तेरे संग बिताए,
हर लम्हे को,
दिल की गहराइयों में,
बसा लूं मैं।

तेरी बाहों में,
सुकून पाऊं,
तेरे बिना ये,
दिल है तन्हा।

तेरे नैना
मेरी रहना
फिर ना कहना,
बस यूं ही रहना।


जी आर कवियूर
30 10 2024



सुख-शांति की दीवाली

सुख-शांति की दीवाली

दीपक की लौ ने आँखें खोली,
अंधकार मिटा मन की डोली।
प्रकाश की किरणें सजी हैं,
सदभावना की जयकार बजी है।

आरती की ज्योत जल रही,
आनंद की बत्ती खिल रही।
प्रेम का शुभ दिन आ पहुँचा,
नव प्रकाश ने रंग बिखेरा।

दीप फैलें प्रार्थना बनकर,
दीपावली से भरें खुशी घर।
लक्ष्मी कृपा बरसाए ऐसे,
दुख-दर्द सब दूर हो जैसे।

जी आर कवियूर
30 10 2024

Tuesday, October 29, 2024

इश्क की चादर ओढ़ (गजल)

इश्क की चादर ओढ़ (गजल)


इश्क़ की चादर ओढ़,
कितनी भी मैली हो जाए,
तेरी यादों की खुशबू,
रंग लाती है मेरे लबों पे।

तू दूर सही, पर दिल के करीब है,
तेरी ख़ामोशी भी मेरी तसल्ली है।
तेरी पलकों का हर आँसू,
मेरी रातों की कहानी है।

मिट नहीं सकती है ये दूरी,
जज़्बातों का ये सिलसिला है।
तेरी आवाज़ का हर लम्हा,
मेरी धड़कनों में बसा है।

तेरी राहों में मेरा सफ़र है,
तेरी सांसों में मेरी उम्र है।
इश्क़ की आग जो लगी है,
अब बुझने का नाम नहीं है।

जी आर कवियूर
29 10 2024

क्यों देरी कर रही हो,

 क्यों देरी कर रही हो,


तू आने में क्यों देरी कर रही हो,
तेरी यादें रंगीन परों सी मंडरा रही हैं
मेरे ख्वाबों की दुनिया में।

अधूरी तसवीरों में तुझे तलाशते हुए,
हर याद का स्पर्श मानो एक एहसास,
जो जागते ही खो जाता है,
मेरी पलकों पर बसी एक ओस की बूँद बनकर।

हवा संग बहता ये खयाल,
तेरी मुस्कान का जादू फैलता है,
मेरे सूने रास्तों पर,
जैसे नींद में कोई बाग़ हो।

अगर तू मुझमें समाने आए,
वो प्यार का रिश्ता और गहरा होता है,
तेरी मोहब्बत की चमक से
मेरी रूह को रोशन कर दे।

जी आर कवियूर
29 10 2024


इश्क की जज्बात मे

इश्क की जज्बात मे


इश्क़ की जज़्बात में
रंग लाई दिल की धड़कनों में,
गूंज उठा रूह की गहराइयों में,
होश खो बैठा तन्हाइयों में।

तेरी यादों का चिराग जलता रहा,
हर आहट में तेरा नाम बसता रहा।
सपनों के संग मैंने रातें बिताई,
तेरी तस्वीर से मैंने बातें जताई।

हवा में घुला तेरे प्यार का नग़मा,
हर सांस में बसी है तेरी खुशबू जज़्बा।
तेरी आँखों में खोने को दिल बेताब है,
तेरे बिना ये सफर कितना खराब है।

उम्मीदों के दामन में जो कसक है,
हर लम्हा तुझे पाने की हसरत है।
तेरी ख़ामोशी में भी एक आवाज़ है,
जैसे दिल में कोई तूफानी राज़ है।

दिल की गहराई में डूबा हूँ तेरे लिए,
इक बेनाम तड़प है मेरे लिए,
तेरी मोहब्बत में खो कर ये जाना,
तू मेरा, मैं तेरा अफसाना।


जी आर कवियूर
28 10 2024



Saturday, October 26, 2024

राधा का अंतिम अनुरोध

राधा का अंतिम अनुरोध

राधा ने कन्हैया से कहा, बांसुरी तुम फिर बजाओ,
तेरी धुन में खो जाऊँ, आत्मा से आत्मा मिलाओ।

सांसों में तेरी बसी थी, वो मोहक प्यारी धुन,
सुनते-सुनते खो गई, टूट गया ये जीवन।

अमर हुआ ये प्रेम, मिलन का वो अंतिम पल,
बांसुरी की गूंज में, लहराया संगत का जल।

कन्हैया ने देखा राधा को, एक पल में दूर जाते,
प्रेम में रो पड़े वो, अश्रु बहे अनायास।

फिर तोड़ी उस बांसुरी को, टुकड़ों में यूं बिखेर दी,
राधा के बिना कन्हैया ने, कभी उसे न छूने की कसम दी।

अब बस स्मृति में है
वो धुन, वो राग, और प्रेम का संवाद,
राधा संग कन्हैया का, अमर प्रेम का आलाप।

जी आर कवियूर
25 10 2024






Thursday, October 24, 2024

जब कभी दिल की लबों पे

जब कभी दिल की लबों पे 


जब कभी दिल की लबों पे,
सपनों की परछाईं सी आई,
राहें अनहोनी पे मिली अचानक,
जैसे बिजलियाँ चमकी निगाहों में।

फिर दिल की ख़ामोशियों में,
चुपके से उठी एक मौज,
लबों पे रुकी, धुन सी बही,
महफ़िल में साज़ बनकर गूंजी।

तेरी चुप्पी में थी वो आवाज़,
जिसने दिल को छू लिया,
बिन कहे भी बहुत कुछ कहा,
रात का हर पल महका दिया।

हर लम्हे में छिपा कोई राज़ था,
आँखों ने जो अनकही कहानी लिखी,
वो एहसास, जिसे मैं कह न सका,
शब्दों में घुलकर ग़ज़ल बन गया।


जी आर कवियूर
24 10 2024


तेरे बिन हर रात अधूरी

तेरे बिन हर रात अधूरी 


यह खामोशियां, बेरुखियां,
इस कदर तनहाइयां मुझे,
तुझसे दूर रहकर दिल क्यों,
इतना बेचैन होकर रोता है।

आँखों में तेरी तस्वीर बसी,
पर हाथों से फिसल गई खुशी,
तू न हो पास तो हर घड़ी,
हर पल में इक खलिश होती है।

तेरे बिन हर रात अधूरी,
ख्वाब भी मायूस से लगते हैं,
तेरी यादों के दामन से,
मेरे अश्क रुक-रुक कर गिरते हैं।

कभी जो लौट आ, एक बार,
दिल की तन्हाई मिटा दे,
तू जो आए तो ये फिज़ा,
फिर से गुलज़ार हो जाती है।


जी आर कवियूर
24 10 2024

Wednesday, October 23, 2024

जगह अभी बाकी है


जगह अभी बाकी है  

कौन सी बात तुम्हें पसंद है  
हमें आज तक पता नहीं है  
अनजान बनकर आज भी  
तुम चेहरा छुपा के चल दिए  

ज़िक्र हो जब भी तेरा  
हमारे लब खामोश हो जाते हैं  
आँखों में बस आंसू रह जाते हैं  
और दिल के ज़ख्म जाग जाते हैं  

तुम वैसे ही रहो, कोई शिकवा नहीं  
दिल में तुम्हारी जगह अब भी वही है  
चाहे दर्द हो या तन्हाई का आलम  
मेरे दिल में तुम्हारे लिए जगह अभी बाकी है  


जी आर कवियूर
23 10 2024

तेरे ख्याल में आज भी

तेरे ख्याल में आज भी 



तेरे ख़्याल में आज भी
गुनगुनाता रहा
वो लम्हे, वो बातें
जो दिल में बसाए रखा।

तेरी यादों की महक
आज भी साँसों में बसी है,
जैसे हवा में कोई ख़ुशबू
रात भर छाई रही है।

तेरी हंसी की मिठास
अब भी दिल को चुराती है,
वो चाँदनी रातें
जिनमें तेरा अक्स समाया था।

तू दूर हो, पर फिर भी
नज़रों से ओझल नहीं,
दिल की गहराई में
हरदम बस तेरा ही ख्याल रहा।

हसरतों में अब भी
तेरा नाम लिखा है,
सपनों की तरह तू
हर एक रात में छुपा रहा।

जी आर कवियूर
23 10 2024

मजबूर करती हैं।

मजबूर करती हैं।


पर्दे के पीछे छिपी दो नैन,
लिखने को मजबूर करती हैं।
बातों के मोती, खामोश लब,
हर पल हमें मजबूर करती हैं।

तेरी हया में छुपा है जहाँ,
राहें सभी मजबूर करती हैं।
नज़रें उठाकर कभी जो देखो,
वो चाहतें मजबूर करती हैं।

दिल की जुबां में बसते हो तुम,
तेरी यादें मजबूर करती हैं।
सपनों में आकर हर एक रात,
वो दूरियां मजबूर करती हैं।


जी आर कवियूर
23 10 2024

Tuesday, October 22, 2024

देख मुझे शायर बना दिया

देख मुझे शायर बना दिया

यह बिखरी जुल्फे
चांद जैसे मुस्कान
सितारों जैसी आंखें
देख मुझे शायर बना दिया

तेरे लबों की खामोशी
दिल में आग लगा गई
हवाओं की हर सरगम
मुझे तेरी याद दिला गई

तेरा हुस्न जैसे बहारें
खुशबू से गुलशन महका दिया
तेरी नजर की जादूगरी ने
मुझे तुझसे जोड़ा और पास ला दिया

हर कदम पर तेरी तस्वीर
मेरे ख्वाबों में आ गई
अब तुझ बिन जिंदगी
एक अधूरी कहानी बना गई।

जी आर कवियूर
22 10 2024

Saturday, October 19, 2024

तेरे आने की खबर ..... ( ग़ज़ल )

तेरे आने की खबर ..... ( ग़ज़ल )


तेरे आने की खबर मुझ में
तन्हाई के बादल हटे और बहार आई।
तुम्हें पाने की तमन्ना फिर जागी,
इसी आस में एक नई राह नजर आई।

दिल के दरवाज़े जो बंद थे,
खुल गए जब तेरी यादें साथ आई।
ख़्वाबों में तेरी सूरत सजती रही,
मेरे ख्यालों से ये दुनिया गुलजार आई।

हर धड़कन बस तेरा नाम पुकारे,
तेरी याद से ही रूह को सुकून आई।
नज़रों में तेरा अक्स यूं समा गया,
बिन तेरे ये ज़िंदगी बेजान सी रह आई।

हर लम्हा तेरा साथ ढूंढ़ती रही,
बिन तेरे हर घड़ी बस खामोशी आई।
तेरी मोहब्बत से ही जग रोशन हो,
तू आ जाए तो हर अंधेरी रात में चांदनी छा आई।


जी आर कवियूर
20 10 2024

Friday, October 18, 2024

दिल में सदा बसती हैं।

दिल में सदा बसती हैं।


तू और तेरे बांसुरी बिना
दिन रात कैसे कटेगी
तेरी तन्हाई मुझे तड़पती है
है मेरे प्यारे कन्हैया।

तूने जो रास रचाया था
वो स्वर अब भी गूंजते हैं
तेरी लीला की बातें प्यारी
दिल में सदा बसती हैं।

श्यामल रूप तेरा मोहक
नैनों में जो बसा है
तेरी कृपा से हर पल जीवन
मधुरता से सजा है।

तू ही तो है जीवन का आधार
तेरे बिना सब सूना है
हे कान्हा, आ जाओ फिर से
तेरी बांसुरी के गीत खोए हैं।

जी आर कवियूर
1810 2024

Thursday, October 17, 2024

जब कोई बात हो ( ग़ज़ल )

जब कोई बात हो ( ग़ज़ल )

जब कोई बात हो
चांदनी रात हो
तेरी याद सताती है
फिर कभी मुलाकात हो

दिल की सदा सुनो
ख्वाबों में तुम आओ
धड़कन की सरगम हो
बाहों में सिमट जाओ

तारों की रोशनी में
तेरा ही चेहरा हो
इक पल का वो जादू
हमेशा का पहरा हो

तुमसे ही हर लम्हा
दिल को सुकून मिले
खामोशियों में छुपी
तेरी ही बात चले

यूँ ही हंसी बिखेरो
रात यूँ महक जाए
तुम मेरे पास आओ
दुनिया ये रुक जाए

जी आर कवियूर
17 10 2024


Wednesday, October 16, 2024

इस दिल में सदा बसी है तू

इस दिल में सदा बसी है तू

दिल की आईने से
गुफ्तगू की तेरे बारे में,

यादों की बारिश में भीग,
हवा की खुशबू में महसूस किया तुझे।

खामोशी में छुपे हजारों जज़्बात,
हर लम्हा एहसास बनकर साथ रहे।

आँखों में बसी जो तस्वीर तुझसे,
हर रात तारे पूछते हैं, क्या वही है वो हसीं?

धड़कनों में छिपी तेरी धुन सी,
जिसे सुनकर हवाओं ने भी गीत गुनगुना दिया।

फासलों में भी तेरी आहट करीब लगे,
जुदाई में भी ये दुनिया तेरी ही महक लिए चले।

बाहों का स्पर्श जो अब तक अधूरा है,
हर ख्वाब, हर साँस उसी एहसास में बंधा हुआ है।

एक पल भी बिछड़ जाऊँ तो क्या,
इस दिल में बस तू ही रहेगा सदा।

जी आर कवियूर
17 10 2024

प्यार की जख्मों को

प्यार की जख्मों को 


प्यार के ज़ख्मों पे मरहम लगाने कोई नहीं था
दिल में दर्द छुपा था, बताने कोई नहीं था।

आँखों में समंदर था, पर दिखाया नहीं किसी को
भीगी पलकों का हाल सुनाने कोई नहीं था।

तूने दिया था ग़म, और वो भी छुपा के रखा
उसी दर्द में मिठास, समझाने कोई नहीं था।

खामोश रातें भी बस तेरी यादें लाती थीं
रोते दिल को फिर से बहलाने कोई नहीं था।

घायल थे हम अंदर से, पर मुस्कान लगाए रहे
उस मासूमियत का राज़ जानने कोई नहीं था।

जी आर कवियूर
16 10 2024

Tuesday, October 15, 2024

मेरा दिल तेरे सागर में ( ग़ज़ल )

मेरा दिल तेरे सागर में ( ग़ज़ल )

कितने युगों से मैं
तलाश रहा हूँ तुझमें
तेरी आँखों में खिला हुआ
प्यार का वो फूल.

ऋतुएँ आती जाती हैं,
तेरा चेहरा मुझे
हैरान कर देता है,
मुझमें छिपी ग़ज़ल जाग उठती है.

तेरी हल्की मुस्कान में
मैं ज़िन्दगी की खुशबू पाता हूँ,
एक अनंत सफ़र की तरह
मेरा दिल तेरे सागर में
लंगर डालने की उम्मीद करता है.

जी आर कवियूर
15 10 2024

 

Monday, October 14, 2024

क्या करूं कैसे कहूं ( ग़ज़ल )

क्या करूं कैसे कहूं ( ग़ज़ल )


क्या करूं, कैसे कहूं, कहने को क्या बात है
वो रात-दिन की मुलाकातें, बीते हुए पल अब भी सताते हैं।

उस हंसी की क्या कहूं, जो दिल में बसी रहती है
तेरे साथ बिताए वो पल, जैसे हवा में महकती है।

हर ख्याल तेरा, जैसे जन्नत का एक रास्ता हो
तेरे बिना ये दुनिया, अधूरी एक कहानी हो।

दूर होकर भी, तेरा एहसास हर जगह रहता है
तेरी यादों की बारिश में, दिल अब तक भीगता है।

खुशबू तेरी, सीने में कहीं गहरी उतरती है
इन अनकही बातों में, इश्क की धड़कन सजती है।

तेरे ख्वाबों में खो जाता हूं, हर रात मेरी सजीव है
तुझ बिन ये जिंदगी, बस इक प्यासी तहरीर है।


जी आर कवियूर
14 10 2024





Sunday, October 13, 2024

यादों में बस जाती है ( ग़ज़ल )

यादों में बस जाती है ( ग़ज़ल )

जब तलक रहे सांस तब तक
तेरी याद मुझे सताती रहेगी
गुज़रे दिनों की ज़िंदगानी
छाया बनकर साथ है

आँखों में तेरी सूरत का सपना
दिल की गहराई में समाया है
तेरे बिना ये दुनिया वीरान सी
हर लम्हा बस तन्हाई लाया है

रातों की खामोशी में अक्सर
तेरी आवाज़ सुनाई देती है
ये दर्द, ये सिसकियाँ अब तो
तेरी यादों में बस जाती है

जी आर कवियूर
14 10 2024

जिंदगी की दौड़ पर ( ग़ज़ल )

जिंदगी की दौड़ पर ( ग़ज़ल )


ज़िंदगी की दौड़ पर
ग़ज़ल गुनगुनाते ही
तेरी याद में जीता रहे।

ख़्वाबों की राहों में
तेरी सूरत हर तरफ़
दिल को सुकून देता रहे।

तेरे प्यार की ख़ुशबू
हर सांस में महके यूँ
हौले से दिल बहलता रहे।

तेरी चाहत की लौ से
हर लम्हा जगमगाता रहे।

जी आर कवियूर
14 10 2024
   

तेरे प्यार भरी दोनों ( ग़ज़ल )

तेरे प्यार भरी दोनों ( ग़ज़ल )

तेरे प्यार भरी दोनों का  
याद में देखो बेटा,  
हर लम्हा साया तेरा,  
दिल में बसा है, ये मेरा।  

हंसी की खनक जैसे,  
बहारों की रिमझिम,  
बिना तुझ के अधूरा,  
सपनों का हर एक रंग।  

नाम से महके दिल,  
हर कोने में खुशबू,  
जिंदगी की ये राहें,  
सजती हैं सिर्फ तुझसे।

जी आर कवियूर
13 10 2024
   

दिल-ए-दिवाना। ( गजल)

दिल-ए-दिवाना। ( गजल)


मेरी आवाज़ को तू ना पहचान
अब तलक दिल मेरा नहीं तू जाना

दिल की बातें कैसे बताऊं तुझसे
हर एक अहसास तूने अनजाना

तेरी खामोशी में छुपा है कुछ
मगर तूने कभी उसे नहीं माना

तेरे लफ्ज़ों में भी तो प्यार था
पर हर बार मेरा नाम अंजाना

तेरे करीब आके भी दूर था मैं
कभी मेरे दर्द को नहीं तूने पहचाना

अब मैं कैसे कहूं तुझसे ये बात
कि तू ही है मेरा दिल-ए-दिवाना।

जी आर कवियूर
13 10 2024
   

तू मेरी सांस में ( गजल)

तू मेरी सांस में ( गजल)


साथ छूटेगा कैसे तेरे याद का
दिल धड़कता रहे तेरी मुलाकात की
बात सोच सोच कर नैना तरसे
खुशबू सी बसी है तू मेरी सांस में

रात भर ख्वाबों में तेरा ही चेहरा
दिल में उठती है फिर वही चाहत
तेरी हंसी से महक उठे ये जहां
दूर होकर भी पास है तू हर पल

तेरे बिना ये दिल वीरान है, सुन
तू ही तो मेरी ज़िंदगी की पहचान है
तेरी यादों के साये में सुकून है मुझे
तू ही मेरा ख्वाब, तू ही मेरी जुस्तजू है।

जी आर कवियूर
13 10 2024

Friday, October 11, 2024

कैसे गुजरे ( गजल)

कैसे गुजरे ( गजल)

कैसे गुजरे दिन रात तेरे बिना
साया भी न था साथ तेरे बिना।

हर ख्याल में ढूंढा तुझे मैंने
कुछ भी न था मेरे हाथ तेरे बिना।

आसमान भी लगता था सूना
चाँद भी खोया रात तेरे बिना।

दिल की धड़कन जैसे थम गई
हर लम्हा था बेजान तेरे बिना।

तेरी यादें हैं बस मेरे पास
दिल नहीं लगता बात तेरे बिना।

जी आर कवियूर
12 10 2024

Wednesday, October 9, 2024

वक्त से लड़ता चला

वक्त से लड़ता चला

वक्त की दौड़ पर चला गया
उम्र की तकाद भूलता चला

ख्वाब मेरे बिखरते रहे सफर में
साया भी दूर छूटता चला

धुंधली सी यादें दिल में बसीं
चेहरे पे कोई नकाब सा चढ़ा

राहों पे मंज़िलें थी कहां
पांव मेरा फिर बढ़ता चला

हर एक लम्हा जैसे ठहर सा गया
फिर भी मैं खुद को रोक ना सका

हसरतें दिल में पलती रहीं
फिर भी वक्त से लड़ता चला

जी आर कवियूर
10 10 2024

Tuesday, October 8, 2024

मेरे मन की आसमान पे

मेरे मन की आसमान पे

मेरे मन की आसमान पे  
तेरी आंखें लगे तारे जैसे  

चाँदनी रात में जब तू मुस्काए,  
हर दर्द मिट जाए, जैसे जादू करे।  

तेरी हंसी में बसी है खुशबू,  
जैसे फूलों में हो बहार का साया।  

तेरे बिना ये दिल है वीरान,  
तेरे संग हर लम्हा है सवेरा।  

तेरी बातें हैं जैसे मीठे गीत,  
हर लफ्ज़ में छुपा है प्यार का नज़ारा।  

जब तू पास हो, सब कुछ है सही,  
तेरे साथ चलूँ, ये है मेरा इरादा।  

चले जब बादल, बरस जाएं ख़्वाब,  
तेरे संग हर पल हो जैसे सारा जहाँ।  

तेरे बिना ये जीवन अधूरा,  
तू ही तो है मेरा सच्चा सहारा।

जी आर कवियूर
09 10 2024

Sunday, October 6, 2024

तेरा दीदार करूँ।

तेरा दीदार करूँ।  


रिवाज की दहसील मैं निकल पड़ा  
यादों की बारात लेकर  

गुलाबों की खुशबू में खोया,  
तेरे चेहरे की छवि सजाकर।  

गली-गली में तेरा नाम लूँ,  
हर मोड़ पर तेरा दीदार करूँ।  

चाँदनी रातों में तेरा साथ हो,  
सपनों की महफिल सजाकर।  

बीते लम्हों की बातें करूँ,  
तेरे बिना ये दिल है बेकरार।  

हर ख्वाब में तेरा आना हो,  
यादों का साया बनकर।  

जी आर कवियूर
07 10 2024

Saturday, October 5, 2024

फिर से जीने को चाहूं

फिर से जीने को चाहूं

पुरानी यादों को समेटने की
प्रयास में सोचता रहा तेरे बारे में  
उसे बीती हुई लम्हों की मिठास
अचानक आंखों के नगमे ग बैठl

तेरी बातों में खोया था कभी
जैसे मौसम में घुली हो नमी
वो हर एक मुलाकात का पल
अब भी दिल में जगाता है हलचल

तेरे बिना सूनी है ये राहें
हर तरफ फैली तन्हाई की बाहें
वो हंसी, वो नजरों का जादू
अब भी दिल में लिए हूं मैं यादू

तेरी धड़कन की आवाज जैसे
मेरे दिल में हो एक अहसास वैसे
वो लम्हें फिर से जीने को चाहूं
पर वक्त की रफ्तार में खो जाऊं

जी आर कवियूर
06 10 2024

मोहब्बत की इंतहा है

मोहब्बत की इंतहा है

चेहरे की रंग निकर आई
जैसे लागे मन की आइना देखें
दर्द को सहलाते सहलाते 
मेरे दिल तेरे लिए खामोश हो गया

तेरी मुस्कान में खोया था
अपनी राहों से भटक सा गया
तेरे ख़यालों में डूबते डूबते
हर लम्हा बस तेरा हो गया

तेरी आँखों में कोई राज़ छिपा है
जिसे मैं जानकर भी अनजान हो गया
तेरे बिना ज़िन्दगी अधूरी लगे
तू ही मेरा हर एहसास हो गया

अब इस मोहब्बत की इंतहा है
दिल का हर हिस्सा तुझसे जुड़ गया
साथ तेरा है तो ज़िन्दगी मुकम्मल
तेरे बिना सब कुछ बेमायने हो गया।

जी आर कवियूर
06 10 2024

Friday, October 4, 2024

अजमाना है तुझे

अजमाना है तुझे  
आज जिंदगी की पहलू में  
दोस्त बनकर या दुश्मन बनकर  
इंतजार की घड़ियां और नहीं है  

तेरे बिना हर लम्हा अधूरा,  
खामोशियों में तेरी यादों का साया।  
दिल की धड़कन में बस तेरा नाम है,  
तेरी राहों में बिछी मेरी हर ख़्वाब है।  

तू जो पास हो, तो सब कुछ है रोशन,  
तेरे बिना ये दिल है जैसे वीरान।  
सपनों की दुनिया में तेरा ही जादू,  
तू ही मेरी खुशियों का है सबब, ये जान।  

इश्क की इस गहराई में,  
हर दर्द को सहने का हौसला है।  
अजमान है तुझे, ये दिल कहता है,  
तेरे बिना अब जीने का कोई सिलसिला नहीं है।  


जी आर कवियूर
05 10 2024


Wednesday, October 2, 2024

सबको नवदुर्गा माता की आशीर्वाद मिले

सबको नवदुर्गा माता की आशीर्वाद मिले

नवरात्रि आई, खुशियों से भरी,  
शैलपुत्री, पहले हम पूजेंगे।  
ब्रह्मचारीणी, समर्पण देगी,  
चंद्रघंटा, दुश्मनों को नष्ट करेगी।  

कुशमांडा, खुशी बांटेगी,  
स्कंदमाता, शक्ति देगी।  
कात्यायनी, साहस बढ़ाएगी,  
कालरात्रि, डर को मिटाएगी।  

महागौरी, प्रेम का प्रतीक,  
सिद्धिदात्री, इच्छाएं पूरी करेगी।  
नवदुर्गा को हम प्रेम से पूजें,  
इस नवरात्रि में हम साथ जीएं।

जी आर कवियूर
03 10 2024


Tuesday, October 1, 2024

गांधी जी

गांधी जी 

महात्मा गांधी, सत्य के पिता,  
अहिंसा का पाठ, न्याय का प्रतीक।  

कष्टों में दिए, सबको सहारा,  
स्वतंत्रता की राह में, उजाला फैलाया।  

सच्चाई की राह पर, चलने का सिखाया,  
दिल में प्यार हो, और करुणा से भरा।  

धोखे को तोड़कर, आगे बढ़ते रहे,  
एकता की ताकत से, सपने साकार करें।  

सत्य के कवि, शांति के दीप जलाए,  
महान इस इंसान ने, हमें प्रेरित किया।  

स्नेह से आगे बढ़ें, मिलकर खड़े रहें,  
गांधी जी के पाठों से, हम सबको जगाएं।  

शांति का संदेश, हर ओर फैलाएं,  
महात्मा गांधी, हमारे लिए एक मिसाल।  

जी आर कवियूर
01 10 2024

यह दिल तड़पता है

यह दिल तड़पता है 

यह दिल तड़प तड़पता है  
किसके लिए, किसके लिए  
सिवा किसके लिए  

यादों में खोया हूँ,  
हर सुबह तेरा ही ख्वाब।  
बिना ये रातें हैं वीरान,  
साथ हर लम्हा है खास।  

हंसी की मिठास में,  
छुपा है मेरा सारा जहां।  
सुकून और चैन,  
बिना सब कुछ है अधूरा।  

प्यार की रोशनी में,  
हर दिन नया एक सफर है।  
धड़कन का गीत,  
खुशियों का असर है।  

जी आर कवियूर
01 10 2024

तुम ही नजर आता है ।

तुम ही नजर आता है ।  



दिल में बसाया है।  
यादों में समय है  
ख्वाबों में दिखता है  
जहां भी तुम हो
तुम ही नजर आता है ।  

बिना हर लम्हा अधूरा,  
संग हर पल है खुशी।  
हंसी से महके ये जहां,  
बिना सब कुछ है वीरान।  

प्यार की खुशबू में बसा,  
हर धड़कन में तेरा जिक्र है।  
सुकून और चैन,  
सपना और ग़म है।  

जी आर कवियूर
01 10 2024