Thursday, February 27, 2025

अजीब बातें (ग़ज़ल)

अजीब बातें (ग़ज़ल)

यह अजीब बातें तूने की हैं,
दिल मचल-मचल तूने की हैं।

हमने चाहा तुझसे दूर जाएँ,
पर यह आरज़ू तूने की हैं।

रात भर चाँद से बात की है,
तेरी ग़मग़ुज़ारी तूने की हैं।

अब न आएगा कोई बहाना,
ख़त्म हर गिला तूने की हैं।

आइने में जो अक्स दिखता है,
उसकी बेरुख़ी तूने की हैं।

"जी आर" ने फिर भी सब्र रखा,
जो भी बेवफ़ाई तूने की हैं।

जी आर कवियूर
28 - 02 -2025

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