Thursday, February 6, 2025

"समझ लेना ज़रूरी है" ( ग़ज़ल)

"समझ लेना ज़रूरी है" ( ग़ज़ल)

आज ये बात तुझे समझ लेना ज़रूरी है,
दिल से तुझे चाहा है, ये जान लेना ज़रूरी है।

बिछड़ के भी हम तुझसे वफ़ा करते रहेंगे,
हमारे प्यार की कीमत समझ लेना ज़रूरी है।

तेरी यादों की खुशबू में अब भी जी रहे हैं,
इस दर्द की गहराई समझ लेना ज़रूरी है।

हमें दुनिया के रिश्तों की परवाह कब रही है,
हमारे इश्क़ की फितरत समझ लेना ज़रूरी है।

नज़र से दूर होकर भी तेरा साया नहीं छूटा,
हमारे हाल-ए-दिल को समझ लेना ज़रूरी है।

हर एक अश्क में तेरा ही चेहरा नज़र आता है,
इस बेकरार चाहत को समझ लेना ज़रूरी है।

जो धड़कन में बसी हो, उसे भुलाया नहीं जाता,
हमारे प्यार की हस्ती समझ लेना ज़रूरी है।

"जी आर" की आरज़ू बस तेरा दीदार है,
इस दिल की मोहब्बत को समझ लेना ज़रूरी है।

जी आर कवियूर
07 -02 -2025

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