(ग़ज़ल )
तेरे बिना नहीं जी सकते,
हर जन्म तुझी से जी सकते।
हर दर्द तेरा अपना समझें,
तेरी चाहत में जी सकते।
सांसों में तेरा एहसास बसा,
हर लम्हा तुझमें जी सकते।
दुनिया चाहे लाख सताए,
तेरी यादों में जी सकते।
क़िस्मत हमसे रूठ भी जाए,
तेरी दुआओं में जी सकते।
तू जो कहे तो आग भी पी लें,
तेरे हुक्मों से जी सकते।
ख़्वाबों में तेरा हाथ जो थामा,
हम हक़ीक़त में जी सकते।
जी.आर. की हर इक ग़ज़ल में,
तेरी बातें ही जी सकते।
जी आर कवियूर
05 -02 -2025
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