Monday, February 24, 2025

तेरी यादों का साया (ग़ज़ल)


तेरी यादों का साया (ग़ज़ल)

जाने क्यों आज तेरा चेहरा याद आया,
ख़ामोश रातों में तेरा साया याद आया।

बिछड़े ज़माने बीत गए पर आज फिर,
तेरी वही मीठी अदा दोबारा याद आया।

साहिल पे लहरों ने कुछ मुझसे कहा यूँ,
तेरे संग बीता हर नज़ारा याद आया।

खुशबू सी उठी दिल में बीती मोहब्बत की,
टूटा हुआ कोई सितारा याद आया।

तन्हाइयों ने मुझसे कुछ बातें की जब,
तेरा लबों से कहना दोबारा याद आया।

‘जी आर’ के नग़मों में तेरा ज़िक्र आया जब,
आँखों में फिर से तेरा प्यारा याद आया।

जी आर कवियूर
25 - 02 -2025

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