तेरी यादें
आँखों के पानी के जैसे
फिर से जिन्दगी में आती हैं,
सहन की धूप में
सोचों में समाती हैं।
तेरी बातें
हवा में खो जाती हैं,
कान में गूंजती हैं,
मौन रातें
तुझे ढूंढ़ती हैं,
प्रेम गीत बन जाती हैं।
दिल में छुपी
दर्द की हर एक लहर,
जैसे तुमने कहा,
समय गुजर जाए,
पर प्यार कभी नहीं मरता।
तेरी यादों में
अगर मैं खो भी जाऊं,
वो कभी नहीं मरेगी,
आंसुओं में बहकर
वो एक तड़प भरा गीत बन जाती हैं।
जी आर कवियूर
04 -02 -2025
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