Saturday, February 15, 2025

"सिलसिला मिलन का" (ग़ज़ल)

"सिलसिला मिलन का" (ग़ज़ल)



यह सिलसिला मिलन का यूँ ही जारी रहे,
हर खुशी का रिश्ता हमसे जुड़ा रहे।

यादों की बारिश में हर पल भीगते रहें,
हर रात, हर दिन का पल सुखद बने रहें।

चमके सदा प्यार का सूरज हमारी राहों में,
खुशियों के फूल खिलें दिल की हर राहों में।

हर लम्हा ज़िंदगी का गीत बने सच्चाई का,
हर कदम पर साथ रहे बस परछाई का।

ख्वाबों की दुनिया में हर पल जीते रहें,
साथ हमारा कभी न तन्हा बीते रहें।

'जी आर' का दिल सदा यादों से महकता रहे,
यह प्यार का रिश्ता सदा दिल से बंधा रहे।

जी आर कवियूर
16 - 02 -2025

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