Wednesday, February 26, 2025

तेरी याद का कारवां (ग़ज़ल)

तेरी याद का कारवां (ग़ज़ल)

तेरे नाम लबों पे लिए, तेरी याद दिल में लिए
हम चले थे अकेले मगर, तेरी चाह महफ़िल में लिए

तेरी राहों में रुकते रहे, तेरी आँख की नमी लिए
हर गली से गुज़रते रहे, कोई आस बेबसी लिए

दिल के वीरान गुलशन में, तेरी यादों की बारिश लिए
हम बहारों से पूछे रहे, कोई खुशबू ग़मों में लिए

तेरी तस्वीर सीने में थी, तेरा अहसास साँसों में था
हम चले थे तन्हा मगर, तेरी परछाइयाँ भी लिए

तेरी बातों की खुशबू लिए, तेरी यादों की बारिश लिए
रात भर जागते ही रहे, तेरी चाहत की आहट लिए

अब भी उम्मीद बाक़ी रही, अब भी धड़कन में तू ही रहा
हमने जीना सिखा "जी आर", तेरा ग़म ज़िंदगी में लिए

जी आर कवियूर
27 - 02 -2025

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