ऐसी उम्मीद नहीं थी हमसे,
कि तुम जुदा जाओगे हमसे।
दिल में बसी थी तुम्हारी तस्वीर,
क्या तुम हमें भुला जाओगे हमसे।
राहों में तन्हाई का सिलसिला था,
क्या तुम हमसे कभी न जाओगे हमसे।
ये मोहब्बत थी या कोई ख्वाब था,
क्या तुम हमें छोड़कर जाओगे हमसे।
तेरे बिना दिल ने अब किसी को न चाहा,
क्या तुमसे जुदा हो कर जी पाओगे हमसे।
हमेशा के लिए दिल में बसी है तेरी यादें,
क्या तुम हमें भूलकर रह पाओगे हमसे।
अब जी आर को दूर जाने की ताब नहीं,
क्या तुम बिना हमें जी पाओगे हमसे।
जी आर कवियूर
02 -02 -2025
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