तेरी मधुर स्मृतियाँ" (ग़ज़ल)
तू मेरी धड़कन में संगीत बनकर,
हर एक स्पंदन में राग बनकर।
जब भी ध्यान में आईं तेरी बातें,
भर गई मन में मधुर स्वर बनकर।
हृदय में तेरा रूप सदा रहा,
आत्मा में गूँजा सुर लय बनकर।
तेरा प्रेम अनोखी बात बनी,
दुख में भी एक विश्वास बनकर।
हर घड़ी तेरा नाम जुबां पर,
जैसे पूजा में मंत्र सदा बनकर।
मन की शांति में तेरा एहसास,
गूँज रहा मीठे बोल बनकर।
"जी आर" तेरा नाम हृदय में बसा,
जैसे कोई मधुर गीत बनकर।
जी आर कवियूर
01 -02 -2025
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