तू मेरी सुबह की रोशनी है
तू मेरी सुबह की रोशनी है,
ख़्वाब है या कोई कहानी है।
दिल के हर इक धड़कन में बहती,
सुरमई धारा तू ही पानी है।
तू मेरे ख्यालों में बसती,
दिन का छुपा कोई राज़ है।
आँखों में छाया हरियाली,
दिल में महकता तेरा साज़ है।
तू मेरे जीवन की आरज़ू,
महकती बोलों की पहचान है।
सितारों से जगमग करता,
नीले गगन का तू अरमान है।
कभी न बिछड़े, रहे पास मेरे,
तेरा प्यार समंदर गहरा है।
इंतज़ार के बादल भी हटते,
तेरी मुस्कान का ही पहरा है।
जी आर कवियूर
19 - 02 -2025
No comments:
Post a Comment