Sunday, February 23, 2025

वादा रहा (ग़ज़ल)

वादा रहा (ग़ज़ल)

तेरी आँखों में हर इक नज़ारा वादा रहा,
ज़िंदगी भर हमारा तुम्हारा वादा रहा।

गुल खिले या बिखर जाए ख़ुशबू हवाओं में,
दिल की दुनिया में तेरा किनारा वादा रहा।

रूठ कर तुम गए फिर भी लौटी नहीं चाँदनी,
चाँद तन्हा रहा पर सितारा वादा रहा।

इश्क़ में जो भी खोया वही बन गया रौशनी,
तेरी यादों का हर एक तारा वादा रहा।

ज़ख़्म खाकर भी हँसते रहे हम तेरी चाह में,
तेरे होठों की वो मुस्कुराहट वादा रहा।

प्रेम पथ पर सदा दीप जला "जी आर",
तेरा नाम ही बस एक वादा रहा।

जी आर कवियूर
24 - 02 -2025

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