Friday, April 4, 2025

प्रार्थना (श्रीराम को समर्पित — आत्मकथ्य भजन)

प्रार्थना

(श्रीराम को समर्पित — आत्मकथ्य भजन)

राम का नाम जप रे मनवा,
दिन हो या हो अंधियारा।
जब तक छाया रहे रावण की,
राम का नाम जप रे मनवा।

पत्थर में भी प्राण जगाए,
माया में सच्चाई दिखाए।
जो मेरा अन्तर्यामि है,
राम का नाम जप रे मनवा।

राम का नाम जप रे मनवा,
हर सुख-दुख में एक सहारा।
राम का नाम जप रे मनवा।

रघुनाथ का जो नाम पवित्र,
हरदम कानों में गूंजे।
माँ-बाप ने जो दर्शन पाए,
उसी भक्ति से नाम दिया मुझे।

जीवन का वरदान बना जो,
मेरा नाम भी बन गया पूजा।
राम का नाम जप रे मनवा।

संकट हरता, पथ दिखलाए,
मन की माया दूर हटाए।
प्रेम भरे स्वर में तू गा,
राम नाम से जीवन सजा।

राम का नाम जप रे मनवा,
प्रेम-पथ का एक सितारा।
राम का नाम जप रे मनवा।


जी आर कवियूर 
(जी रघुनाथ)
05-04-2025

कल रामनवमी के लिए लिखी हुई भजन

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