चाँद की ख़ामोशी या उसकी कोमल रौशनी,
सिर्फ आँखों के लिए नहीं, दिल से महसूस होती है।
हवा की लय हमेशा सुनाई नहीं देती,
पर दिल उसकी धुन को पकड़ लेता है।
जब फूल दिन में खुशबू फैलाता है,
आनंद बिना देखे ही आता है।
जब करुणा कोमल शब्दों से बहती है,
तो वो सिर्फ आत्मा में चमकती है।
क्षण की मिठास छूने में नहीं होती,
बल्कि एक उम्मीद में छुपी रहती है।
प्यार की जड़ पंक्तियों के बीच छिपी होती है,
और धीरे से दिल की राह दिखाती है।
जी आर कवियूर
१८ ०४ २०२५
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