एकांत विचार – 04
भविष्य और बीता कल,
सोच सोचकर थक जाते हैं।
आज का यह पल तोहफा है,
एक क्षण भी खोना मत।
हवा जैसा समय निकल जाएगा,
भोर में पुकारना न भूलो।
"कल" कोई वादा नहीं है,
सिर्फ "अब" ही सच्चा है।
मुस्कान और प्यार बाँटो,
दयालुता सबको दो।
जीवन एक यात्रा है मित्र,
हर दिन को आशीर्वाद मानो।
जी आर कवियूर
१८ ०४ २०२५
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