Sunday, April 27, 2025

तेरी खुशबू (ग़ज़ल)

तेरी खुशबू (ग़ज़ल)

साँसों में तेरी खुशबू है,
हर धड़कन में तेरा जादू है।

चुपके से तू आती है,
हवाओं में मीठा सुकून लाती है।

तेरी हँसी की रोशनी में,
मेरे सपनों की दुनिया सजती है।

रातों को चाँद से तेरा नाम लिया,
आँखों में तेरी तस्वीर जगा ली।

तेरे बिना जो वीरानी थी,
तेरी यादों ने उसे गुलज़ार किया।

'जी आर' हर पल तुझमें खोया है,
तेरी यादों में हर साँस रोया है।

जी आर कवियूर 
(जी रघुनाथ)
२८ ०४ २०२५

No comments:

Post a Comment