Monday, April 21, 2025

एकांत विचार – 11

एकांत विचार – 11 

शब्दों से पन्ना भरने को कलम उठाई,
सोचों में डूबी कुछ पंक्तियाँ लिखी गईं।
दुख में डूबा दिल का एक हिस्सा
अक्षरों के सहारे किनारे तक पहुँचा।

कभी वो शब्द प्रेम से महकते थे,
अब खामोशी से लुढ़कते हैं नीचे।
नए सपने थे कभी बिलकुल पारदर्शी,
पर दिल को उनका दर्द समझ न आया।

जब आँसू और नज़र मिल गए,
लिखी हुई पंक्तियाँ फीकी पड़ गईं।
कलम हाथ से गिरते ही बेबस
कागज़ ही था जो कूड़ेदान में गया।

जी आर कवियूर 
२१ ०४ २०२५

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