Tuesday, April 29, 2025

एकांत विचार – 21



एकांत विचार – 21

जब हम खोलते हैं
पुराने दिनों में छिपी स्मृतियों की किताब,
विचार फिर से भटकने लगते हैं
उन बीते रास्तों की ओर, जैसे बंधन टूट गया हो।

बदला हुआ समय जब सामने आता है,
नए पाठ चुपचाप इंतज़ार करते हैं,
एक नई रोशनी आशा के साथ पुकारती है —
विचारों को उड़ने के लिए पंख चाहिए।

जो अदृश्य है उसे देखने के लिए
आंखों को खुला रखना ज़रूरी है,
नए दृष्टिकोण की रोशनी में
जीवन को नई पंक्तियां चाहिए।

विचार बदलो — दिशा अपने आप बदल जाएगी।

जी आर कवियुर 
३० ०४ २०२५

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