(गर्मी की लहर: एक सरल संदेश)
चारों ओर गर्म हवाएँ चल रही हैं,
धूप तेज है, पानी सूख रहा है।
बिना छत वाले लोग परेशान हैं,
एक बूँद पानी को तरस रहे हैं।
भगवान ने हमें पानी का वरदान दिया है,
हर बूँद को संभालकर रखना चाहिए।
धीरे-धीरे पिएँ, जीवन बचाएँ,
साफ़ पानी सबको मिलना चाहिए।
नदियों और कुओं की रक्षा करें,
पेड़ लगाएँ, छाया फैलाएँ।
पृथ्वी को प्यार करें और बचाएँ,
हमारा भविष्य उसी पर निर्भर है।
जी आर कवियूर
२५ ०४ २०२५
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