एकांत विचार – 13
जब हम दूसरों को खुश करने लगते हैं,
तो अपना सुख खो बैठते हैं।
उनकी राय के पीछे भागते हुए
हम अपना रास्ता भुला देते हैं।
मन की शांति सबसे ज़रूरी है,
बाहरी दिखावे की ज़रूरत नहीं।
आशाएँ जब चाँदनी सी ढल जाएँ,
सपनों को खुद के लिए सजाएँ।
अगर उनके होठ मुस्काएँ भी,
दिल टूटे तो कौन जाने?
सच के साथ जीना ही
असली शांति का रास्ता है।
जी आर कवियूर
२२ ०४ २०२५
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