सावन को ज़रा आने दो,
साजन दिल बहलाने दो।
बादल को बरस जाने दो,
प्यासे मन को भीग जाने दो।
यादों की घटा छाई है,
आँखों को भी नम जाने दो।
धड़कन में जो लय छेड़ी है,
उस धुन को मचल जाने दो।
छू लेने दो भीगी ख़ुशबू,
सांसों में उतर जाने दो।
"जी आर" ने जो अरमान सहेजे,
उस प्यार को पल आने दो।
जी आर कवियूर
05 - 03 -2025
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