तारों जैसी जो चमकती है,
कल को नई राहें देती है।
प्यार से जो जीवन महकाती,
दुनिया को रोशनी दिखाती।
माँ बनकर ममता बरसाए,
बहन बनकर साथ निभाए।
संगिनी बन हाथ पकड़ ले,
हर मुश्किल में राह दिखाए।
धरती पर जो बीज लगाती,
सपनों को सच्चाई बनाती।
प्रकृति के सुर में सुर मिलाकर,
नई रोशनी दुनिया में लाती।
उसके बिना जग सूना होगा?
प्यार, दया, सहारा जो दे,
महिला दिवस पर प्रणाम करें,
उसके उपहार को मान दें!
जी आर कवियूर
08 - 03 -2025
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