रंगों की बौछार चली,
गुलाल की रंगत खिली।
संगीत बजे, ढोल मचाए,
मन में खुशियाँ झूम के आए।
होली आई रे, होली आई रे
गुजिया की मिठास घुले,
हर घर में उल्लास फूले।
छोड़ो सारे गिले-शिकवे,
मिलकर बोलो प्रेम के निक्षे।
होली आई रे, होली आई रे
टेसू के रंग घुल जाएं,
पिचकारी से प्रीत बरसाएं।
भंग की मस्ती, हँसी-ठिठोली,
हर दिल गाए, "आई होली!"
जी आर कवियूर
13 - 03 -2025
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