Friday, March 7, 2025

ग़ज़ल - तुझको बसाया है

ग़ज़ल - तुझको बसाया है

तुझको सीने में बसाया है,
हर सांस में तुझे बसाया है।

तेरी खुशबू से महकती राहें,
इस दिल में तुझे बसाया है।

तेरी यादों में कटती रातें,
हर लम्हा तुझे बसाया है।

बिन तेरे हर खुशी अधूरी,
ग़म में भी तुझे बसाया है।

तेरी छवि है मेरे मन में,
हर ख्वाब में तुझे बसाया है।

तेरी चाहत का असर देखो,
"जी आर" ने तुझे बसाया है।

जी आर कवियूर
08 - 03 -2025

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