Sunday, June 30, 2024

तेरी अश्कों ने पिलाई है मुझे ( गजल )

तेरी अश्कों ने पिलाई है मुझे ( गजल )


तेरे अश्कों ने पिलाई है मुझे
मोहब्बत की तन्हाइयां मगर,
आज भी तुझको चाहता हूं दिल से।

ख्वाबों में खो जाता हूं मैं,
लम्हों को जीता हूं हर पल।
यादों से बसी है ये ज़िन्दगी,
धड़कन से मिला है हर पल।

हर कदम पर साथ चाहता हूं,
हंसी में शामिल होना चाहता हूं।
आँखों में बस जाने का ख्वाब है,
बिना तेरे अब कुछ भी नसीब नहीं है।

बातों का असर है ऐसा,
खुशी में भी कुछ कमी सी है।
बिना तेरे ये सफर अधूरा है,
साथ ही ये दुनिया पूरी है।

प्यार का असर है मुझपर,
बिना तेरे जीना मुश्किल है।
आज भी तुझको चाहता हूं दिल से,
बिना तेरे ये दिल तन्हा है।

जी आर कवियूर
01 07 2024

Saturday, June 29, 2024

तू मुझे अंजन इस वीराने में ( गजल )

तू मुझे अंजन इस 
वीराने में ( गजल )


सुख-दुख के आशियाना में,
तू मुझे छोड़ गई इस वीराने में।

तेरी यादों की बस्ती है यहां,
हर खुशी है अब वीराने में।

जीवन की हर राह पे तू,
साथ निभाए इस फसाने में।

तेरे बिना हर पल सूना,
दिल की बात कहूं किस बहाने में।

तेरा प्यार मिला मुझे,
हर दर्द है अब अफसाने में।

आंसू और हंसी दोनों हैं,
तेरी छवि मेरे ख्वाबों में।

तेरी खुशबू से महकता,
हर लम्हा इस दीवाने में।

तू है जहां, वहीं सुकून,
तेरे बिना मैं हूं वीराने में।

हर पल तेरे साथ बिताऊं,
चाहत है बस इस जमाने में।

सपनों की दुनिया हो तेरी,
मिलूं तुझसे इस ठिकाने में।

दिल की हर धड़कन कहे,
तू है मेरे दिल के वीराने में।

तू ही है सुकून मेरा,
सुख-दुख के इस आशियाने में।

जी आर कवियूर
30 06 2024


तेरी मेरी यारी ( गजल )

तेरी मेरी यारी ( गजल )



तेरी मेरी यारी, यह जिंदगानी,
कैसे भूल पाऊं, यह कहानी।

साथ बिताए पल, वो हंसी-खुशी,
तेरी यादें, दिल में बसी।

हर मोड़ पर, तेरा साथ था,
हर दुःख-सुख, हम साथ थे।

तेरे बिना, जीवन अधूरा है,
तेरी हंसी, मेरे दिल का सुकून है।

तेरे संग, हर लम्हा खास है,
तेरी दोस्ती, मेरा विश्वास है।

तेरे बिना, जीवन वीरान है,
तेरे साथ, हर दिन शानदार है। 


जी आर कवियूर
29 06 2024

अश्कों को छुपाना आसान नहीं ( गीत )

अश्कों को छुपाना आसान नहीं ( गीत )

अश्कों को छुपाना आसान नहीं
यादों की बारात लिए घूमता हूं

तन्हाई की राहों में साया नहीं
दर्द की गहराई में डूबता हूं

हर एक लम्हा गुजरा तेरा ही ख्याल
तेरे बिना कैसे मैं जीता हूं

जग सारा सोता और मैं जागता
तेरी यादों में रातें बिताता हूं

तेरे लौट आने की आस में हर दिन
उम्मीद का दिया जलाता हूं

बिन तेरे अब कोई सहारा नहीं
बस तेरा इंतजार करता हूं

जी आर कवियूर
29 06 2024

Tuesday, June 25, 2024

वह दिन आएगा...

वह दिन आएगा...

आने वाले दिनों की छाया में,
एक कवि लिखता है, 
उसके शब्द गुनगुनाते हैं।
भविष्य और वर्तमान के उसके विचार मिश्रित होते हैं,
लेकिन ऐसा लगता है कि प्रसिद्धि नहीं उतरेगी।
वह अपनी पंक्तियों को दिल और ताकत से गढ़ता है,
फिर भी अंधेरे में, वे नज़रों से ओझल हो जाती हैं।
कोई भीड़ जयकार नहीं करेगी, कोई आवाज़ नहीं उठेगी,
उसके विनम्र वाक्यांश का जश्न मनाने के लिए।
लेकिन समय बदलेगा, और वह दिन आएगा,
जब उसके सभी पदचिह्न दिखाई देंगे।
उसके मौन गीत की गूँज,
आखिरकार पाएँगी कि वे कहाँ हैं।

जीआर कवियूर
25 06 2024

Monday, June 24, 2024

जिंदगी की कहानी (गजल)

जिंदगी की कहानी (गजल)

कंधा से कंधा मिलाकर
 हम चले थे राहों में,
सपनों की चाह लेकर, 
हर खुशी थी निगाहों में।

रिश्तों की महक थी, 
फूलों की तरह खिले थे,
जीवन की बगिया में हम, 
सावन के बादल बनके मिले थे।

हर दर्द को सहा था 
हमने मुस्कान की ओट में,
कभी ना रुके कदम, 
चाहे कितनी भी हों
 मुश्किलें चोट में।

पर कहानी का अंत भी आया, 
समय की चाल थी ऐसी,
कंधा देकर विदा किया, 
जिंदगी की राह थी वैसी।

आंसुओं ने भी कहा अलविदा, 
सपनों ने छोड़ दी राह,
कहानी खत्म हो गई, 
मगर यादें रहेंगी सदा साथ।

पलकों में बसे वो लम्हें,
 दिल में बसी उनकी बात,
हम चलते रहेंगे यूं ही, 
उनकी यादों के साथ।

कंधा से कंधा मिलाकर 
हम चले थे राहों में,
सपनों की चाह लेकर, 
हर खुशी थी निगाहों में।

जी आर कवियूर
24 06 2024

Sunday, June 23, 2024

एक सपने की तरह।

एक सपने की तरह।

जब कृष्ण की बांसुरी बजने लगती है,
दिल की दीवारें पिघल जाती हैं और फिसल जाती हैं।
हर स्वर एक फुसफुसाहट है, कोमल और मधुर,
एक ऐसा प्रेम जो इतना शुद्ध है कि हमारी आत्माएँ मिल जाती हैं।

एक ऐसा राग जो समय के साथ बुनता है,
एक नदी का प्रवाह एकदम लय में।
यह प्रेम की बात करता है, यह अनुग्रह के गीत गाता है,
यह हर जगह अंधेरे को रोशन करता है।

हर दिल में एक आग जलती है,
सबसे अंधेरी रातों में एक प्रकाश स्तंभ।
बांसुरी की मधुर आवाज, एक सर्वोच्च प्रेम,
एक सपने की तरह दिलों को जगाती है।

जीआर कवियूर
24 06 2024

इरादा नेक ही था ( गजल )

इरादा नेक ही था ( गजल )


इश्क हमसे क्यों पर्दा, 
इतनी इनायत क्यों है
दिल में बसा कर हमें, 
तुझको शिकायत क्यों है

हर धड़कन में तेरा नाम, 
लब पे तेरा ही ज़िक्र
तेरे बिन ये ज़िन्दगी, 
बस एक सज़ा-ए-फिक्र

इरादा नेक ही था, 
चाहत में खोट ना था
फिर क्यों तू दूर हुआ, 
दिल में कोई भ्रम ना था

रास्ते अलग हुए, 
मन में उलझनें बढ़ी
तेरी यादें रात दिन, 
दिल को बस यूँ ही कड़ी

हमने तुझको चाहा था, 
इबादत की तरह
फिर भी क्यों तू छिप गया, 
एक हकीकत की तरह

जी आर कवियूर
23 06 2024

तेरी यादों में बसा है ( गजल )

तेरी यादों में बसा है ( गजल )

तेरी यादों में बसा है
मेरा दिल ढूंढता है
हर दम हर पल
वह आशियाना को

तेरे ख्वाबों में खोया हूँ
तेरी राहों में सोया हूँ
हर लम्हा तेरी चाहत में
मैं तुझसे ही जुड़ा हूँ

तेरे बिना अधूरा हूँ
तेरे संग में पूरा हूँ
तेरे हर एक आहट पर
मैं जिंदा हूँ, मैं जिंदा हूँ

तेरे दर्द को अपनाया
तेरे सुख में मुस्काया
तेरे साथ हर कदम पर
मैंने अपना दिल लगाया

जी आर कवियूर
23 06 2024

Saturday, June 22, 2024

हाल क्या बताएं ( गजल )

हाल क्या बताएं ( गजल )

हाल क्या बताएं 
यह दिल का 
यादों पे छाई है
तेरी नशा हरदम

तेरे बिन सूनी है 
हर एक शाम मेरी
आंखों में बसती है 
सपनों की ताबीरें

तेरे हँसने से है 
रौशन ये जिंदगी
तेरे ग़म से ही 
दर्द में बसी हैं बातें

तू जो नहीं है 
तो अधूरा है हर पल
तेरी कमी से है 
खामोश ये धड़कन

जी आर कवियूर
23 06 2024

Thursday, June 20, 2024

खामोश कर गई तू ( गजल )

खामोश कर गई तू  ( गजल )


दिल ले गई तूने
इस कदर गम दे गई
ख्वाबों में बसी थी
पर हकीकत में खो गई

तेरे बिना ये रातें
काली घटाओं में बदल गईं
यादें तेरी अब
दर्द की धड़कन बन गईं

तूने जो वादा किया था
वो अधूरा रह गया
मोहब्बत की राह में
बस मैं अकेला रह गया

आँखों में अश्कों का 
सैलाब छोड़ गई तू
दिल की हर धड़कन को
खामोश कर गई तू

जी आर कवियूर
20 06 2024

Wednesday, June 19, 2024

एक मुलाकात को तरसे ( गजल )

एक मुलाकात को तरसे ( गजल )


दिल मिले तेरे प्यार के,
एक नजर मुलाकात को तरसे।

तेरे बिना अधूरी है जिंदगी,
हर पल तुझसे मिलने की खुशी।

चाँदनी रात में तेरा ही ख्याल,
दिल में बसी तेरी प्यारी चाल।

तू जो ना हो तो ये साँसें रुके,
हर धड़कन तुझसे ही धड़के।

सपनों में बस तेरा ही चेहरा,
हर रात तुझसे मिलने का पहरा।

आजा कभी मिल जा हमें,
तेरे बिना दिल तड़पता यहाँ।

जी आर कवियूर
19 06 2024


समझा ना पाया (गजल)

समझा ना पाया (गजल)

तेरी तस्वीर आंखों में लिए  
घूमता हूं मगर भुला ना पाया  

तेरी यादों की खुशबू में खोया  
दिल को कभी चैन दिला ना पाया  

तेरे ख्वाबों की दुनिया में बसा  
सच का कोई घर बना ना पाया  

तेरी हंसी की मिठास को चाहा  
फिर भी कोई गीत गा ना पाया  

तेरे बिना ये दिल है वीरान  
खुशियों का पल कभी ला ना पाया  

तेरे बिना अधूरी है कहानी  
जीवन में कोई रंग भर ना पाया  

हर एक लम्हा तुझे ही सोचा  
फिर भी खुद को समझा ना पाया

जी आर कवियूर
19 06 2024

Monday, June 17, 2024

गजल बनाकर निहार गईं।

गजल बनाकर निहार गईं।


जब तेरी बात होठों पर आई,
गजल बनाकर निहार गई।

यादों की गलियों में चली,
रूह फिर से संवर गई।

आँखों के साए में बसी,
शामें मेरी निखर गईं।

तेरा नाम जब गूंज उठा,
धड़कनें दिल की सँवर गईं।

बिन तेरे ये रातें अधूरी,
तेरे संग सवेरा मुस्काई।

तेरे बिना दुनिया सूनी,
तेरे संग खुशियाँ आईं।

मुस्कान की तेरी रोशनी,
दिल की अंधेरी रातों में।

ख्वाबों में जब तू आई,
जज्बात फिर खिलखिलाए।

बातें तेरी हैं शायरियाँ,
हर धड़कन में सजीव।

तेरे बिना मैं अधूरा सा,
तेरे संग मेरी ज़िन्दगी।

तेरी यादें जब भी आईं,
गजल बनाकर निहार गईं।

जी आर कवियूर
18 06 2024

तन्हाई में पनाह ली (गजल)

तन्हाई में पनाह ली (गजल)

दिल में तेरी आने की
आहट थी मगर
खामोशियां तन्हाई की तरफ
अचानक मुंह मोड़ ली

रात के साये में 
तेरे ख्वाबों की रौनक थी
तेरी यादों ने मगर 
फिर चुप्पी की चादर ओढ़ ली

तन्हा दिल के अरमानों ने 
जब तुझसे मिलने की बात कही
तेरी झलक ने मगर
खामोशी की राह पकड़ ली

रात भर चाँदनी में 
तेरी बातें करती रही
सुबह होते ही मगर 
खामोशियों ने तन्हाई में पनाह ली

जी आर कवियूर
18 06 2024

Sunday, June 16, 2024

भूल नहीं सकते (गजल)

भूल नहीं सकते (गजल)

इशारों पर इशारे
इतना तो देती थी
इश्क के मारे ना
भूल नहीं सकते 

तेरी हँसी के मंजर
आँखों में बसी है
रातों को जाग जाग
तेरी यादें सजी हैं

तन्हाई में तेरे 
ख्वाबों में खो जाते हैं
दिल के दरीचे में 
तेरी तस्वीर सजाते हैं

तेरे बिना ये दिल 
अब किसी का न हुआ
तेरे बिना ये शहर 
अब किसी का न हुआ

जी आर कवियूर
16 06 2024

Saturday, June 15, 2024

तेरी एक मुस्कान (गजल )

तेरी एक मुस्कान (गजल )

तेरी एक मुस्कान जीने की आरजू बढ़ती है,
हर एक पल में मेरी खुशियों की जुस्तजू बढ़ती है।

तेरी यादों का साया हर दम साथ रहता है,
तेरे बिना ये जिंदगी एक अधूरी किताब लगता है।

तेरे बिना ये दिल न चैन पाता है,
तेरे संग होने का ख्वाब सच्चा सा लगता है।

तेरे बिना ये रातें भी उदास हो जाती हैं,
तेरी आवाज़ सुनने की आरजू जगाती हैं।

तेरे बिना ये दिल किसी और का न होता है,
तेरे बिना ये दिल कोई और सपना न देखता है।

तेरी एक मुस्कान में है वो जादू,
जो मेरी हर उदासी को मिटा देता है।

जी आर कवियूर
16 06 2024

Friday, June 14, 2024

गीत में भी गाऊं,

गीत में भी गाऊं,

गीत में भी गाऊं,
खुशियों का संगम में।
प्रीत की चाँदनी में झिलमिल,
स्वप्नों का उपवन में।

फूलों की बहार हो हर दिन,
मन में मस्ती छाए।
सपनों की उड़ान में हम सब,
संग मिलकर गाएं।

हर खुशी का रंग हो प्यारा,
रंगों में डूबे दिल।
प्यार की मधुर छाँव में जीना,
रहें सभी मिल-जुल।

दूर हो जाए हर ग़म जीवन से,
हंसते रहे हम-तुम।
गीतों में सजे सुख की बातें,
हर पल हो संगत सुगम।

जी आर कवियूर
14 06 2024
गीत में भी गाऊं,
खुशियों का संगम में।
प्रीत की चाँदनी में झिलमिल,
स्वप्नों का उपवन में।

फूलों की बहार हो हर दिन,
मन में मस्ती छाए।
सपनों की उड़ान में हम सब,
संग मिलकर गाएं।

हर खुशी का रंग हो प्यारा,
रंगों में डूबे दिल।
प्यार की मधुर छाँव में जीना,
रहें सभी मिल-जुल।

दूर हो जाए हर ग़म जीवन से,
हंसते रहे हम-तुम।
गीतों में सजे सुख की बातें,
हर पल हो संगत सुगम।

जी आर कवियूर
14 06 2024

Thursday, June 13, 2024

खुदा को पाता हूं (गजल)

खुदा को पाता हूं (गजल)

फन कारो ने गया
तेरे चेहरे के बारे में
मैं क्या कहूं 
इन आंखों  को देख

तेरी मुस्कान में  
सारा जहां समा जाए  
जब तू हंस दे  
दिल मेरा बहल जाए

तेरे होंठों की लाली  
जैसे गुलाब की खुशबू  
तेरे बालों की लहरें  
जैसे रात की जुल्फें

तेरी बातें सुनकर  
दिल को सुकून मिलता  
तेरी सादगी में ही  
रब का नूर दिखता

तेरे पास रहकर  
हर दर्द भूल जाता हूं  
तेरी एक झलक में ही  
खुदा को पाता हूं

जी आर कवियूर
14 06 2024

Wednesday, June 12, 2024

भूल नहीं सकते (गजल)

भूल नहीं सकते (गजल)

ना कोई समझा नहीं
मेरे दिल की बातें
मगर ख्वाबों में
उत्तर आती है , भूल नहीं सकते

तेरी यादों का साया
हर जगह रहता है
दिल की गहराइयों में
तू बस्ती है, दूर नहीं जा सकते

तू मेरे ख्वाबों में
हर रात आती है
तेरे बिना जिंदगी
गुजार नहीं सकते, जी नहीं सकते

तेरे बिना हर दिन
अधूरा लगता है
तेरी मुस्कान का जादू
भूल नहीं सकते, छोड़ नहीं सकते

जी आर कवियूर
13 06 2024


सैनिकों के लिए एक गीत





सैनिकों का गीत

हम हैं सैनिक, भारत के वीर,  
देश की रक्षा, है हमारी तीर।  

सीमा पर डटे, हम रहते सदा,  
भारत माता की, सेवा हमारा वादा।  

हर कदम पर, है हमारी जीत,  
वीरों का जज्बा, नहीं कभी थकित।  

आओ मिलकर, गाएं हम गीत,  
जय हिंद, जय भारत, जय वीरों की रीत।  

धरती माता का, मान बढ़ाएं,  
अपने भारत को, स्वर्णिम बनाएं।  

संकल्प हमारा, अडिग रहे,  
सुरक्षा की राह में, हम कभी न झुकें।  

संग्राम में हम, आगे बढ़ते जाएं,  
शांति और प्रेम का, दीप जलाएं।  

सैनिकों की टोली, एकजुट खड़ी,  
भारत की शान में, हर दिल है सजी।  

सपने हमारे, हैं ऊँचे आसमान,  
हर चुनौती का, देंगे हम सामना।  

जय हिंद, जय भारत, हर दिल में गूंजे,  
सैनिकों की वीरता, सदा सबको सिखाए।  


Tuesday, June 11, 2024

खुशियों का हो जहां। (गजल)

खुशियों का हो जहां। (गजल)


आंखों में फूटी हसी,
लबों पे मिली नजर,
दिल में छुपी है खुशी,
ज़ुबां पे है असर।

बातों में है मिठास,
मन में है प्यार भरा,
हर दिन हो रहा खास,
जीवन में रंग ढरा।

सपनों में बसी खुशी,
हकीकत में भी आ गई,
तेरे बिना न थी जमीं,
तेरे साथ आसमान छा गई।

पलकों पे ख्वाब सजे,
दिल में उम्मीद नई,
तेरे बिना रात कटे,
तेरे संग सुबह नई।

आओ चलें हमसफ़र,
सपनों के पार जहां,
प्यार भरा हो सफर,
खुशियों का हो जहां।

रचना 
जी आर कवियूर
11 06 2024

मगर याद तो करते हैं (गजल)

मगर याद तो करते हैं (गजल)


कभी किसी को भी 
प्यार करना
मुकम्मल नहीं होता
मगर याद तो करते हैं

रातों में नींद नहीं आती,  
बस ख्वाबों में चलते हैं।  
हर आहट पर निगाहें,  
मोहब्बत को ही तकते हैं।  

कहने को सब सही है,  
दिल में दर्द छुपाते हैं।  
ज़िन्दगी हँसती है बाहर,  
अंदर से हम रोते हैं।  

आशिक़ की यही किस्मत,  
आंसुओं में ही रहते हैं।  
चाहत में बेकरारी,  
हर पल हम तड़पते हैं।  

कभी ख़त्म नहीं होती,  
वो बातें जो दिल से कहते हैं।  
हमेशा यादों के साए,  
साथ हमारे चलते हैं।  

रचना 
जी आर कवियूर
11 06 2024

Sunday, June 9, 2024

ला देती है दर्द तेरी यादें पुरानी (गजल)


ला देती है दर्द तेरी यादें पुरानी (गजल)

तेरी यादों में खोकर मैं अक्सर रोया हूँ,
वो हंसी लम्हे अब बस एक सपना हुआ हूँ।

तेरी बातों का जादू अब भी दिल पे है छाया,
तेरे बिन ये दिल मेरा है बस तन्हा।

वो रास्ते जो हम साथ चले थे कभी,
अब उन पर अकेला मैं ही चला हूँ।

तेरी हंसी की गूंज अब भी कानों में गूंजती है,
पर तेरी आवाज अब सिर्फ यादों में बसी है।

तेरे बिन ये दुनिया वीरान लगती है,
तेरे बिना हर खुशी बेजान लगती है।

तेरे साथ बिताए हर पल को मैं याद करता हूँ,
तेरे बिना जीने की कोशिश हर रोज करता हूँ।

रचना 
जी आर कवियूर
10 06 2024


Saturday, June 8, 2024

किया था मैंने भीइश्क मगर ( गजल )

किया था मैंने भी
इश्क मगर  ( गजल )

किया था मैंने भी
इश्क उससे मगर
दिल की बातों को
समझ न पाई वो

ख्वाबों में जीता रहा
उसकी यादों में मगर
वो बेखबर थी, 
मेरे प्यार से

मैंने चाहा उसे
दिल से मगर
वो दूर हो गई
जाने किस राह पर

ख्वाब टूटे मेरे
बिखर गई सारी आस
दिल के अरमानों को
ना मिली कोई पनाह

अब यादें हैं बस
और कुछ नहीं
वो चली गई
मुझे छोड़कर

आँसू भी सूख गए
अब रोना भी क्या
इश्क की राहों में
बस यही होता है

रचना 
जी आर कवियूर
08 06 2024

Thursday, June 6, 2024

खामोशियां भी बोलने लगी ( गजल )

खामोशियां भी बोलने लगी ( गजल )


दूर तक तेरे आने की
राह देखता रहा
खामोशियां भी बोलने लगी
तनहाई भी साथ रहने लगी

हर आहट पर तेरा नाम लिया
हर साये में तुझको ढूंढा किया
ख्वाबों में बस तेरा चेहरा था
जागते हुए भी तुझसे गुफ्तगू की

दिल की बात दिल में रह गई
आंखों से बहती ये नमी कह गई
तेरे बिना जिंदगी अधूरी है
तेरे बिना ये दुनिया भी सूनी है

हर पल तेरी यादें सताती हैं
तेरे बिना धड़कन भी रुक जाती है
कब आएगा वो पल, जब तू आएगी
तुझसे मिलकर ये दुनिया सजीव हो जाएगी

रचना 
जी आर कवियूर
06 06 2024

यह तेरी यादें ( गजल )

यह तेरी यादें  ( गजल )

यह तेरी यादें 
वह मुलाकातें

यह तेरी बातें
सपनों की रातें

तेरा हँसना
मेरा तड़पना

तेरा रूठना
मेरा मनाना

वह भीगी बरसात
वह दिल की बात

वह चुपके से देखना
दिल का बेखौफ धड़कना

तेरे बिना हर पल सूना
जैसे बिना चाँद के आसमां

तेरी मुस्कान का जादू
दिल का बेकाबू हो जाना

तेरे संग बिताए लम्हे
यादों में सजीव हो जाना

रचना 
जी आर कवियूर
06 06 2024

Tuesday, June 4, 2024

क्यों हर बार दूर होते हो तुम। (गजल)

क्यों हर बार दूर होते हो तुम। (गजल)



बिना पास आए दूर हो जाना,
तितली की मीठी नोकझोंक सुहाना।

समुद्र के तट पर बिछड़ते हैं हम,
भूमि-चुंबित लहरें गाती हैं ग़ज़ल।

राहों में बिछे फूलों की तरह,
तेरी यादें बसी दिल में सदा।

कभी पास आना, कभी दूर जाना,
यादों का ये सिलसिला है पुराना।

समुद्र की तरह दिल मेरा बहता,
तेरी यादों का साया हर जगह रहता।

तितली के परों में छिपी है खुशी,
तेरे बिना मन में बसी है उदासी।

सपनों की तरह तू आ भी गया,
हकीकत में फिर क्यों न मिला।

दिल के दरिया में उतरते हो तुम,
फिर क्यों हर बार दूर होते हो तुम।

रचना 
जी आर कवियूर
05 06 2024

Sunday, June 2, 2024

बेताबी होती है हरदम

बेताबी होती है हरदम


तेरी याद बहुत आती है,
दिल में बेचैनी जगाती है।
हर रात तन्हाई में,
तेरी तस्वीर ही नजर आती है।

दिन भी कटता नहीं बिन तेरे,
हर घड़ी बस तुझसे बातें होती हैं।
तू ही मेरा सबकुछ है,
तेरे बिना ये जिंदगी अधूरी लगती है।

तुझे पाने की तमन्ना है,
तुझसे मिलने की बेताबी है।
तेरी यादों में खोकर,
मैं हर पल जीने की कोशिश करता हूँ।

रचना 
जी आर कवियूर
03 06 2024

Saturday, June 1, 2024

मैं बात करना चाहता हूँ

मैं बात करना चाहता हूँ

मैं उस व्यक्ति से बात करना चाहता हूँ
जो तुम्हारी खामोशी के पीछे छिपा है,
उन छायाओं में जहाँ फुसफुसाहटें रहती हैं,
और विचार अनकहे रह जाते हैं।

क्या कोई दिल है जो धीरे से धड़कता है,
शांत घूंघट के नीचे?
क्या कोई सपने हैं जो हल्के से नाचते हैं,
तुम्हारी शांति की शांति में?

मुझे उन गूँजों को प्रकट करो,
जो तुम्हारे मन में घूमती रहती हैं,
क्योंकि तुम्हारी खामोश गहराइयों में,
हजारों कहानियाँ बंधी हैं।

जीआर कवियूर
01 06 2024

अंजानी बातों में

अंजानी बातों में

रहे कितने ढूंढे मंजिल
दिल खो बैठा
अंजानी बातों में

कभी चाँदनी रातों में, 
कभी यादों की बरसातों में
रहे कितने ढूंढे मंजिल,
 दिल खो बैठा अंजानी बातों में

कभी होश का आलम था, 
कभी ख्वाबों की दुनिया थी
भटके हम फिर दर-दर, 
उन चाहत की सौगातों में

कभी जिक्र था हसरत का,
कभी अरमानों का सिलसिला
खोये हम अपनी ही धुन में, 
उन बीते हुए रातों में

कभी राहें थी सजीव, 
कभी मंजिलें थी दूर
ठोकरें खाई हमने, 
उन अनजानी मुलाकातों में

कभी दर्द का समंदर था,
 कभी खुशियों की लहरें
तैरते रहे हम, 
उस चाहत की बरसातों में

अब समझे जिंदगी को, 
अब पाया खुद को
खोकर पाया हमने, 
उन अंजानी बातों में

रचना 
जी आर कवियूर
02 06 2024