Wednesday, June 19, 2024

समझा ना पाया (गजल)

समझा ना पाया (गजल)

तेरी तस्वीर आंखों में लिए  
घूमता हूं मगर भुला ना पाया  

तेरी यादों की खुशबू में खोया  
दिल को कभी चैन दिला ना पाया  

तेरे ख्वाबों की दुनिया में बसा  
सच का कोई घर बना ना पाया  

तेरी हंसी की मिठास को चाहा  
फिर भी कोई गीत गा ना पाया  

तेरे बिना ये दिल है वीरान  
खुशियों का पल कभी ला ना पाया  

तेरे बिना अधूरी है कहानी  
जीवन में कोई रंग भर ना पाया  

हर एक लम्हा तुझे ही सोचा  
फिर भी खुद को समझा ना पाया

जी आर कवियूर
19 06 2024

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