Monday, June 17, 2024

तन्हाई में पनाह ली (गजल)

तन्हाई में पनाह ली (गजल)

दिल में तेरी आने की
आहट थी मगर
खामोशियां तन्हाई की तरफ
अचानक मुंह मोड़ ली

रात के साये में 
तेरे ख्वाबों की रौनक थी
तेरी यादों ने मगर 
फिर चुप्पी की चादर ओढ़ ली

तन्हा दिल के अरमानों ने 
जब तुझसे मिलने की बात कही
तेरी झलक ने मगर
खामोशी की राह पकड़ ली

रात भर चाँदनी में 
तेरी बातें करती रही
सुबह होते ही मगर 
खामोशियों ने तन्हाई में पनाह ली

जी आर कवियूर
18 06 2024

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