Saturday, June 29, 2024

तू मुझे अंजन इस वीराने में ( गजल )

तू मुझे अंजन इस 
वीराने में ( गजल )


सुख-दुख के आशियाना में,
तू मुझे छोड़ गई इस वीराने में।

तेरी यादों की बस्ती है यहां,
हर खुशी है अब वीराने में।

जीवन की हर राह पे तू,
साथ निभाए इस फसाने में।

तेरे बिना हर पल सूना,
दिल की बात कहूं किस बहाने में।

तेरा प्यार मिला मुझे,
हर दर्द है अब अफसाने में।

आंसू और हंसी दोनों हैं,
तेरी छवि मेरे ख्वाबों में।

तेरी खुशबू से महकता,
हर लम्हा इस दीवाने में।

तू है जहां, वहीं सुकून,
तेरे बिना मैं हूं वीराने में।

हर पल तेरे साथ बिताऊं,
चाहत है बस इस जमाने में।

सपनों की दुनिया हो तेरी,
मिलूं तुझसे इस ठिकाने में।

दिल की हर धड़कन कहे,
तू है मेरे दिल के वीराने में।

तू ही है सुकून मेरा,
सुख-दुख के इस आशियाने में।

जी आर कवियूर
30 06 2024


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