खुदा को पाता हूं (गजल)
फन कारो ने गया
तेरे चेहरे के बारे में
मैं क्या कहूं
इन आंखों को देख
तेरी मुस्कान में
सारा जहां समा जाए
जब तू हंस दे
दिल मेरा बहल जाए
तेरे होंठों की लाली
जैसे गुलाब की खुशबू
तेरे बालों की लहरें
जैसे रात की जुल्फें
तेरी बातें सुनकर
दिल को सुकून मिलता
तेरी सादगी में ही
रब का नूर दिखता
तेरे पास रहकर
हर दर्द भूल जाता हूं
तेरी एक झलक में ही
खुदा को पाता हूं
जी आर कवियूर
14 06 2024
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