हाल क्या बताएं
यह दिल का
यादों पे छाई है
तेरी नशा हरदम
तेरे बिन सूनी है
हर एक शाम मेरी
आंखों में बसती है
सपनों की ताबीरें
तेरे हँसने से है
रौशन ये जिंदगी
तेरे ग़म से ही
दर्द में बसी हैं बातें
तू जो नहीं है
तो अधूरा है हर पल
तेरी कमी से है
खामोश ये धड़कन
जी आर कवियूर
23 06 2024
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